छत्तीसगढ़ में बी.एड सहायक शिक्षकों का अनोखा विरोध: समायोजन की गुहार में अंगारों पर चले, बोले– या सेवा सुरक्षा दो, या मृत्यु!
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बर्खास्त किए गए B.Ed सहायक शिक्षक बीते 113 दिनों से अपनी बहाली और समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। सरकार की चुप्पी और उदासीन रवैये से आहत होकर शिक्षकों ने अब अपने विरोध का तरीका बदल दिया है। शनिवार रात राजधानी में शिक्षकों ने अंगारों पर चलकर अपनी पीड़ा और संघर्ष को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की।
शिक्षकों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर सवाल लिखा था: "हम निर्दोष, तो फिर हमारी गलती क्या?" प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें सेवा सुरक्षा नहीं दे सकती, तो इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दे।
इससे पहले गुरुवार को शिक्षकों ने 2,621 फीट लंबी चुनरी यात्रा निकालकर सांकेतिक विरोध जताया था। लेकिन अब आंदोलन की आग सचमुच अंगारों तक पहुंच चुकी है।
एक महिला शिक्षक ने भावुक होते हुए कहा, “जैसे सतयुग में सीता माता को अपनी शुद्धता साबित करने के लिए अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी, वैसे ही आज हमें अपनी सत्यता के लिए अंगारों पर चलना पड़ रहा है।”
एक अन्य प्रदर्शनकारी शिक्षक ने कहा, “हमारे पैर जितना अंगारों से नहीं, उतना सरकार की बेरुखी से जले हैं। अब ये सिर्फ आंदोलन नहीं, आत्मा की पुकार है।”
सरकार से अपील:
प्रदर्शनकारियों ने माता रानी से मन्नत भी मांगी कि वह सरकार को सद्बुद्धि दें और जल्द समायोजन का निर्णय लिया जाए।
विपक्ष और समाज की चुप्पी पर सवाल
शिक्षकों ने यह भी सवाल उठाया कि न सिर्फ सरकार, बल्कि विपक्ष और समाज के प्रभावशाली वर्ग भी इस मुद्दे पर चुप हैं। उन्होंने चेताया कि अगर उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
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